रांची (समर्थ संवाद)- बीते दस सालों से राजधानी रांची में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की कवायद चल रही है। हर बार किसी न किसी कारण से मामला अटक जाता है। 2010 में ही ट्रांसपोर्ट नगर बनाने को लेकर प्रस्ताव आया, लेकिन अबतक यह काम शुरू भी नहीं हुआ है। हालांकि, अब जल्द ही इस योजना को अमली जामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। योजना को लेकर टेंडर फाइनल हो चुका है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी की डीपीआर में सुधार के बाद टेंडर जारी किया गया था, जिसमें हैदराबाद की कंपनी केएमबी कंस्ट्रक्शन को इसका एलवन सौंपा गया है। इसी महीने से कंपनी इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर सकती है। सबसे पहले कंपनी साइट ऑफिस बनाएगी। साथ ही ट्रांसपोर्ट नगर का भी काम शुरू हो जाएगा। ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण के लिए दो वर्षो समय निधार्रित किया गया है।
40 एकड़ में बनेगा ट्रांसपोर्ट नगर
टांसपोर्ट नगर के लिए कांके के सिमलिया में जमीन चिन्हित की गई है। यहां करीब 40 एकड़ जमीन पर इस नगर को बनाया जाएगा, जिसमें करीब 113 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। जुडको की मॉनिटरिंग में इस काम को किया जाना है। फस्र्ट फेज में 424 बड़े वाहनों की पार्किंग, जी प्लस 6 इंटीग्रेटेड बिल्डिंग, 16 ऑफिस 180 बेड वाली डोरमेट्री, 150 लोगों के बैठने की क्षमता वाला फूडकोर्ट, 17 खुदरा विक्रेता दुकान, पुलिस चेकपोस्ट, हेल्थ चेकअप सेंटर, मेडिसीन शॉप, टॉयलेट और दो धर्मकांटा का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा इस स्थान पर वाटर हार्वेस्टिंग, फायर फाइटिंग सिस्टम भी बनाया जाएगा। ट्रांसपोर्ट नगर को जोडऩे के लिए 4 लेन का अप्रोच रोड बनाने की भी योजना है। वहीं ट्रांसपोर्ट नगर के अंदर एक पेट्रोल पंप भी खोला जाएगा। दो अत्याधुनिक वेयर हाउस भी होंगे। ड्राइवर और खलासी के आराम करने की भी जगह होगी।
मिलेगी सुविधा, जाम मुक्त होगा शहर
ट्रांसपोर्ट नगर नहीं होने से बाहर से आनेवाले ट्रकों को नो इंट्री के समय शहर के बाहर सड़क किनारे ही खड़ा करना पड़ता है। ट्रकों की अनलोडिंग में भी परेशानी होती है। ट्रांसपोर्ट नगर बन जाने से बाहर से आनेवाले ट्रक वहीं रहेंगे। ट्रांसपोर्ट नगर में माल अनलोड करने के साथ ट्रकों की मरम्मत की सुविधा भी होगी। साथ ही सिटी के अंदर भारी वाहनों का प्रवेश बंद हो जाएगा, जिससे जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी। अकेले रांची में हर दिन 500 से 700 ट्रक प्रवेश करते हैं। राज्य सरकार बस पड़ावों को भी नए सिरे से व्यवस्थित करने में जुटी है। आईएसबीटी प्राजेक्ट पर भी काम चल रहा है।
विरोध के बाद 3 बार बदला स्थान
ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का प्रयास बीते कई सालों से हो रहा है। हर बार जमीन एक बड़ा अड़चन बन कर सामने आ जाती है। सर्वप्रथम नामकुम में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की कोशिश की गई। लेकिन विरोध के बाद यहां मामला फंस गया। इसके बाद पंडरा के कृषि बाजार में इस प्रोजेक्ट को तैयार करने की योजना बनी। लेकिन यहां भी ट्रांसपोर्ट नगर का भारी विरोध कर दिया गया है। इसके बाद कांके सिमलिया स्थित सुकुरहुुटु में इसे बनाने को लेकर रास्ता साफ हुआ। जमीन मिलने के बाद भी कभी डीपीआर तो कभी दूसरी वजह से मामला लटकता रहा। अब सभी समस्याओं को दूर कर लिया गया है। संभावना है कि इसी महीने से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाए। इसे लेकर जुडको काफी गंभीर है। जुडको ने कुछ दिन पहले ही इन्वेस्टर्स मीट आयोजित की थी।
यह सुविधाएं मिलेंगी
प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रकों के ठहराव के अलावा ड्राइवरों के लिए फिटनेस सेंटर, गैराज, गोदाम, प्रदूषण जांच केंद्र, डोरमेट्री, स्वास्थ्य केंद्र, पेट्रोल पंप समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी