नोएडा (समर्थ संवाद)- ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ नया नोएडा बसाने की तैयारी चल रही है। इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का जिम्मा दिल्ली की स्कूल ऑफ प्लॉनिंग एंड आर्किटेक्चर कंपनी को दिया गया है. नए नोएडा को बसाने के दौरान खासतौर पर मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब और और शहर को अतिक्रमण मुक्त रखने पर जोर दिया जा रहा है। यही वजह है कि डीपीआर तैयार करते वक्त कंपनी देश ही नहीं विदेश के भी कई शहरों को ध्यान में रख रही है। मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के तहत नए शहर में और उससे सटकर रेलवे स्टेशन, मेट्रो ट्रेन , बस अड्डा और हवाई अड्डा शामिल किया गया है। साथ ही कमर्शियल ट्रासंपोर्ट पर भी जोर दिया गया है।
दो रेल कॉरिडोर का हब बनेगा न्यू नोएडा
210 वर्ग किमी में बसने वाला न्यू नोएडा कई मायनों में खास होगा। सबसे बड़ी बात यह कि दो अहम रेल कॉरिडोर न्यू नोएडा से होकर ही गुजरेंगे. न्यू नोएडा रेल कॉरिडोर का हब बनेगा. दिल्ली-मुम्बई और अमृतसर से कोलकाता रेल कॉरिडोर का यहां बड़ा हाल्ट होगा। इससे दिल्ली-एनसीआर के कारोबार को बड़ा फायदा मिलेगा।
फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद मार्ग से भी न्यू नोएडा को कनेक्ट किया जाएगा. न्यू नोएडा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के दोनो तरफ बसाया जाएगा. इसमे गौतम बुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल रहेंगे. हालांकि नोएडा अथॉरिटी कुछ तकनीकी वजह के चलते 12 गांवों को और न्यू नोएडा में शामिल करने जा रही है।
ऐसा होगा न्यू नोएडा का डीएनजीआईआर
नोएडा अथॉरिटी के अफसरों की मानें तो इस योजना में एसईजेड भी विकसित किया जाएगा। एसईजेड के अंतर्गत इंडस्ट्रियल यूनिट, इंडस्ट्रियल एस्टेट्स, एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग जोन, आईटी, आईटीएस और बायोटेक जोन, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, नॉलेज हब, लॉजिस्टिक हब और इंटिग्रेटेड टाउनशिप को इस योजना में मौका दिया जाएगा। उनका कहना है कि नोएडा के अनुभव और सीईओ रितु माहेश्वरी की प्लानिंग को देखते हुए नोएडा अथॉरिटी को इस बड़े और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है । मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब में 1500 से 2000 करोड़ का निवेश अथॉरिटी की तरफ से किया जाएगा. बाकी निवेश भारत सरकार करेगी. वहीं 12 हजार करोड़ का निवेश कुछ समय बीत जाने के बाद प्राइवेट सेक्टर करेगा।
नए में गुजरात के धोलेरा का भी होगा अक्स
जानकारों की मानें तो धोलेरा की तरह से ही नए बसने वाले नोएडा में भी विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए धोलेरा प्रोजेक्ट का अध्यन किया जा रहा है. धोलेरा के सबसे अहम चार बिन्दुओं पर जोर दिया जा रहा है. यह बिन्दु हैं क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर, सस्टेनेबिलिटी, सोशल इन्फ्राट्रक्चर और एफिशिएंट गवर्नेंस. इसी के चलते नए नोएडा का मास्टर प्लान तैयार करने वाली दिल्ली की कंपनी स्कूल ऑफ प्लॉनिंग एंड आर्किटेक्चर को यह खास हिदायत दी गई है कि वो धोलेरा मॉडल को फोकस में रखे।