बिहार (समर्थ संवाद)- शुरू किए गए किसान काल सेंटर से झारखंड के किसान खेती-बाड़ी एवं योजनाओं से संबंधित अपने सवालों का जवाब और समस्याओं का समाधान पा रहे हैं, वह भी सिर्फ एक फोन काल, आनलाइन पोर्टल एवं एसएमएस के माध्यम से। यह निश्शुल्क सेवा है। किसानों की समस्याओं को लेकर संवेदनशील मुख्यमंत्री झारखंड के किसानों की कृषि संबंधित समस्याओं एवं सुझावों से अवगत होना चाहते हैं। इसका उद्देश्य प्राप्त आंकड़ों के आधार पर किसान हित में योजना बनाकर एवं नीति निर्धारण करना है।
अपनी समस्याओं एवं सुझावों को दर्ज करा सकते हैं किसान
किसान काल सेंटर से किसानों को उनकी भाषा में समस्याओं का समाधान मिल रहा है। ऐसी व्यवस्था वाला झारखंड पूरे देश में पहला राज्य है। राज्य के किसान काल सेंटर के टाल फ्री नं.1800-123-1136 पर अपनी समस्याओं एवं सुझावों को दर्ज करा सकते हैं। काल सेंटर किसानों को सरकारी तंत्र से डिजिटल माध्यम से जोड़कर समयबद्धता, पारदर्शिता एवं सुशासन के विविध आयामों से जोड़ता है। यह किसानों के लिए सरकार द्वारा देश भर में पहली ऐसे शिकायत निवारण प्रणाली है, जो कृषि संबंधी विभिन्न समस्याएं घर बैठे एक काल से सहज तरीके से निष्पादित करने में अपनी महता को सिद्ध करता है।
तकनीकी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं किसान
किसान न केवल संदेश के माध्यम से अपनी शिकायतों का निवारण करा सकते हैं, बल्कि खेती और सरकारी योजनाओं जैसे बीज से संबंधित सभी तकनीकी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। शिकायत के समाधान की समय सीमा सभी विषयों के लिए 15 दिनों की है। कुछ मामलों में यह अवधि 30 दिनों तक बढ़ाई जाती है। यदि उक्त अवधि में भी निदान नहीं होता है तो निदेशालय अपने स्तर से कार्रवाई करते हुए शिकायत निष्पादन करता है।
कृषि प्रसार को नया रूप देने का उद्देश्य
कृषि निदेशालय निदेशक निशा उरांव ने कहा कि सरकार किसानों के हित में लगातार योजनाएं तथा नीतियां बना रही है। कृषकों की सहभागिता से देशज एवं आधुनिक तकनीकों के बीच समन्वय स्थापित करते हुए किसानों तक नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी पहुंचाने, कृषि के सर्वांगीण विकास तथा कृषि प्रसार को नया रूप देने के उद्देश्य से किसान काल केंद्र का संचालन किया जा रहा है