नई दिल्ली (समर्थ संवाद)- महीना मार्च का है लेकिन अगर इस भीषण गर्मी और तापमान के लिहाज से देखें तो किसी भी हाल में ऐसा नहीं लगता कि ये मई-जून का महीना नहीं है। मौसम विभाग की मानें तो अगले दस दिनों तक गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। ताजा जारी आँकड़ों के मुताबिक मार्च महीने में औसत अधिकतम तापमान में अभूतपूर्व बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी का जो मौसम अप्रैल के मध्य में होता था, वो अब इस बार मार्च के मध्य में देखने को मिल रहा है। इसकी वजह बारिश की कमी बतायी गयी है। मंगलवार को सबसे कम तापमान मुजफ्फरनगर में 16.0 डिग्री और नजीबाबाद में 16.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, अधिकतम तापमान सुलतानपुर में 38.8 डिग्री, प्रयागराज और वाराणसी में 38.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी लखनऊ में अधिकतम 37.6 और न्यूनतम तापमान 20.2 दर्ज किया गया है। मौसम विभाग निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में 40 से 42 डिग्री तक तापमान दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों की अपेक्षा इस साल मार्च में तापमान में अधिक बढ़ोतरी देखी जा रही है। आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी होगी। 21 मार्च 2020 में अधिकतम तापमान 29.0 डिग्री और 2021 में 32.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। 2022 में यह 39.0 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। हालांकि, मंगलवार को तापमान दो डिग्री कम 37.6 दर्ज किया गया है।
अब इन लोगों को भी टोल टैक्स से मिली छूट, जानिए नया नियम
पश्चिमी विक्षोभ के चलते उत्तर पश्चिमी इलाकों जैसे जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की संभावना है जबकि कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है। वहीं उत्तराखण्ड में भी गुरुवार को हल्की बारिश की संभावना जतायी गयी है। जिसके कारण तापमान में गिरावट आ सकती है। इसके अलावा केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में अगले 4 दिनों तक हल्की बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।