नई दिल्ली (समर्थ संवाद)- ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BA2 की वजह से दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और यूरोप के कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। जबकि, भारत की स्थिति पर नजर डालें तो, जानकार यहां चौथी लहर को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं दिख रहे हैं।
चौथी लहर को लेकर टेंशन इसलिए देश में ज्यादा नहीं है क्योंकि वैकसीनेशन और इम्युनिटी समेत कई कारण ऐसे है जिसकी वजह से लोगों में रोग के प्रति लड़ने की क्षमता बढ़ी है. पिछले कुछ दिनों से देश में संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या 3 हजार से कम रही है। इस संबंध में अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक खबर प्रकाशित की है।
खबर के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार के तकनीकी सलाहकार और स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉक्टर सुभाष सालुंखे ने इस बाबत जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि हम सावधानी बरतना कम नहीं कर सकते, क्योंकि जैसा बाकी दुनिया में अभी नजर आ रहा है, भारत में चौथी लहर आनी है। आगे उन्होंने कहा कि चौथी लहर के बारे में जो एक चीज नहीं जानते कि यह कब आएगी और कितनी खतरनाक होगी।
चौथी लहर को लेकर क्यों चिंता है कम
आपको बता दें कि दिसंबर 2021 और फरवरी के बीच तीसरी लहर आई थी। इस दौरान बढ़ी हुई इम्युनिटी और अधिकांश राज्यों में बेहतर वैकसीनेशन की वजह से फिलहाल नई लहर को लेकर जानकारों के बीच चिंता कम दिख रही है. नवंबर 2021 में दक्षिण अफ्रीका में पहली बार पाये गये ओमिक्रॉन वेरिएंट ने दुनिया भर को परेशानी में डाल दिया था। हालांकि, कुछ समय बाद ही यह साफ हो गया था कि तेजी से फैलने वाले इस वेरिएंट की वजह से अस्पतालों में मरीजों की भर्ती नहीं हो रही थी। वे जल्द ही ठीक हो जा रहे थे। इस नये वैरिएंट से मौतों की संख्या में खास इजाफा नहीं हुआ था।