विदेश (समर्थ संवाद)- रविवार को चीन में 3,400 कोरोना मामले सामने आने के बाद हालात भयावह हो गए हैं। इस कारण वायरस के हॉटस्पॉट की जगहों पर लॉकडाउन लगाने की नौबत आ गई है। जिस चीन पर कोरोना को दुनियाभर में फैलाने का आरोप लगता रहा है, आज वह कोरोना की भीषण मार झेल रहा है।
खबरों के मुताबिक, चीन ने शेन्झेन प्रांत के 1.7 करोड़ लोगों को लॉकडाउन में कैद कर लिया है। फरवरी में 87% आबादी को पहला डोज और 40% आबादी को दूसरा डोज देने का दावा करने वाला चीन पहली बार एक दिन में 1,000 से अधिक केस की सूचना दे रहा हे।
शंघाई के स्कूल बंद, मेयर और हेल्थ कमिश्नर बर्खास्त
शनिवार को 1,700 मामले आने के बाद अगले दिन इनमें दोगुने की बढ़ोतरी देखी गई। मामलों में देशव्यापी बढ़त के बाद शंघाई के स्कूलों समेत उत्तर-पूर्वी शहरों को बंद कर दिया गया है। फिलहाल चीन के 19 प्रांत ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिेएंट से जूझ रहे हैं। जीलिन प्रांत को आंशिक रूप से बंद कर दिया गया है।
उत्तर कोरिया से सटे 700,000 निवासियों वाले यांजी शहर को रविवार को पूरी तरह बंद कर दिया गया। 90 लाख की औद्योगिक आबादी वाले चांगचून शहर को जीलिन का पड़ोसी होने के नाते शुक्रवार से ही लॉक कर दिया गया है। जीलिन प्रांत के 2 छोटे शहरों सिपिंग और दुनहुआ को भी लॉक किया गया है। जीलिन के मेयर और चांगचून के हेल्थ कमिश्नर को लापरवाही के आरोप में शनिवार को बर्खास्त कर दिया गया।
फेल हुई जीरो कोविड की नीति
2019 में कोविड के आने के बाद से चीन ने जीरो कोविड की नीति अपनाई है। इसके लिए त्वरित लॉकडाउन, यात्रा प्रतिबंध और मास टेस्टिंग की नीति पर जोर दिया गया। इतनी कड़ाई के बावजूद ओमिक्रॉन के बगैर लक्षण वाले मामलों की बढ़ोतरी ने चीन के तरीकों को चैलेंज किया है।
टेंपररी लॉकडाउन पर फोकस
लगातार लॉकडाउन की थकान से परेशान चीन के अधिकारियों ने अब सिर्फ उन्हीं इलाकों को बंद करने का निर्णय किया है, जहां कोरोना के मामले बहुत बढ़ गए हैं। पिछली दफा दिसंबर में केस बढ़ने पर एक साथ 1.3 करोड़ लोगों को लॉक करने जैसे तुगलकी फरमानों से परहेज किया जा रहा है।
चीन के सबसे बड़े शहर शांघाई में भी टेंपररी लॉकडाउन पर फोकस है। बढ़ते मामलों को देखते हुए चीन की हेल्थ कमीशन ने रैपिड एंटीजेन टेस्ट बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। क्लीनिक में साधारण लोगों की जांच के लिए सेल्फ टेस्टिंग किट्स उपलब्ध कराए गए हैं।