उत्तर प्रदेश (समर्थ संवाद)- वाहन स्क्रैप पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया गया है। व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी डिजिटल होगी। इसके रजिस्ट्रेशन और फंक्शन के लिए रजिस्ट्रेशन जारी हो चुका है। मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे ने ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर यह जानकारी दी है। इसमें मोटर वाहन नियम 23 सितंबर, 2021 के संशोधन हैं, जो रजिस्टर्ड वाहन स्क्रैपिंग फैसिलिटी की स्थापना के लिए प्रक्रिया निर्धारित करते हैं। जो बदलाव किए गए हैं उसमें सभी वाहन मालिकों, डीलर्स, रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटीज आदि के लिए वाहन स्क्रैपिंग को हर इंसान की पहुंच तक और डिजिटल बनाने के लिए किया गया है। बता दें कि स्क्रैप पॉलिसी लागू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।
ऐसे कर सकते हैं अप्लाई
आरवीएसएफ वाहन मालिकों को वाहनों को स्क्रैप करने के लिए डिजिटल रूप से अप्लाई करना होगा। मदद के लिए सुविधा केंद्र भी जा सकते हैं। वाहन मालिक को एप्लीकेशन जमा करना होगा। एप्लीकेशन जमा किए जाने से पहले वाहन डेटाबेस के आधार पर जांच का भी प्रावधान है। वाहन मालिकों को डिजिटल प्रमाणपत्र भी मिलेगा जो कि दो साल के लिए वैलिड होगा।
सभी स्तरों पर वाहन की होगी जांच
डिजिटल एप्लीकेशन पूरा करने से पहले वाहन की पूरी तरह से जांच होगी। वाहन पर कोई बकाया तो नहीं, या कोई आपराधिक घटना में अगर वाहन इस्तेमाल किया गया हो या वाहन को अगर ब्लैकलिस्ट किया गया हो आदि जैसे सभी स्तर पर वाहन की पूर्ण जांच होगी। जांच में फेल होने पर वाहन मालिकों का एप्लीकेशन जमा नहीं होगा।
क्या है स्क्रैप पॉलिसी
स्क्रैप नीति के तहत नकद हो चुकी गाड़ी की कुल कीमत का छह फीसदी नकद पैसा मिलेगा। एक प्रमाण पत्र मिलेगा जिसे दिखाकर वाहन खरीद पर पांच फीसदी टैक्स में भी छूट हासिल होगी।
ये वाहन माने जाएंगे कबाड़
परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने इस पॉलिसी को यूपी में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इससे देश में यूपी पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने सबसे पहले इस पॉलिसी को लागू किया है। पॉलिसी के तहत 15 वर्ष पुराने पेट्रोल और 10 वर्ष पुराने डीजल वाहन बिना फिटनेस सड़कों पर नहीं दौड़ सकेंगे। अगर सड़कों पर इस तरह के वाहन चलते पकड़े गए, तो प्रवर्तन दस्ते इन्हें अनफिट मानते हुए इन्हें जब्त करके स्क्रैप सेंटर के हवाले कर देंगे। इसी तरह अगर 20 साल पूरे कर चुके वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल होते हैं, तो उन्हें भी अनफिट माना जाएगा।