पंजाब (समर्थ संवाद)- पंजाब चुनाव में हुई करारी हार पर अकाली दल मंथन करेगा। इसके लिए प्रधान सुखबीर बादल ने कोर कमेटी की मीटिंग बुला ली है। यह मीटिंग 14 मार्च को पार्टी के चंडीगढ़ स्थित दफ्तर में होगी। पंजाब में 117 सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव में अकाली दल के खाते में बंगा, दाखा और मजीठा यानी सिर्फ 3 सीटें आई हैं।
इसके अलावा गठबंधन के सहयोगी बसपा ने नवांशहर सीट जीती है। अकाली दल के सीनियर उपप्रधान हरचरन बैंस ने बताया कि इस मीटिंग में चुनाव लड़े सभी उम्मीदवारों को भी बुलाया गया है। अकाली दल ने 97 सीटों पर चुनाव लड़ा जबकि 20 सीटें बसपा को दी थी।
लगातार 2 बार सरकार बनाने वाला अकाली दल दो बार चूका
अकाली दल ने 2007 और 2012 में लगातार सरकार बनाई। तब सुखबीर बादल के इलेक्शन मैनेजमेंट की खूब तारीफ हुई। 2017 में अकाली दल सत्ता से बाहर हो गया। जिसकी वजह आम आदमी पार्टी बनी। इस बार अकाली दल को उम्मीद थी कि कांग्रेस के एंटी इनकंबेसी का फायदा उसे मिलेगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। अकाली दल 2017 के बाद 2022 में भी सत्ता से चूक गया।
बादल परिवार की हार से पार्टी के भीतर सवाल
अकाली दल की हार में सबसे चौंकाने वाला परिणाम बादल परिवार की हार का है। अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल जलालाबाद से हार गए। 5 बार के सीएम प्रकाश सिंह बादल अपने गढ़ लंबी से हार गए। अमृतसर ईस्ट से बिक्रम मजीठिया को हार मिली। वहीं आदेश प्रताप कैंरों भी हार गए। इस वजह से अब यह भी सवाल उठने लगे हैं कि अकाली दल की कमान बादल परिवार के हाथ में होनी चाहिए या नहीं?।