हेल्थ (समर्थ संवाद)- यूके के कैंसर रिसर्च संस्थान के एक शोध में यह बात सामना आई है कि 40% श्वेतों को उनकी लाइफस्टाइल के कारण कैंसर होता है। हालांकि कुछ को कैंसर होने का कारण आनुवंशिक भी होता है। कई कैंसर जनित रोगों का समय पर पता चल जाए तो इसे रोका जा सकता है।अश्वेत व एशियाई लोगों को श्वेत की अपेक्षा कैंसर का खतरा कम होता हैं।
इसके ठीक विपरीत अश्वेतों को ब्लड और प्रोस्टेट कैंसर जैसी बीमारियां अधिक होती हैं।साल 2013 से 2017 तक करीब 30 हजार कैंसर रोगियों का डाटा इकट्ठा किया गया था। अध्ययन में सामने आया कि छह से 11 साल तक के अश्वेत व एशियाई बच्चों में मोटापा अश्वेत बच्चों के मुकाबले कैंसर का अधिक कारण बनता है।
एशियाई लोगों में कैंसर की दर कम
अध्ययन के मुताबिक श्वेत लोगों की तुलना में एशियाई लोगों में कैंसर की दर 38 प्रतिशत कम, अश्वेत लोगों में 4 प्रतिशत कम और मिश्रित-विरासत वाले लोगों में 40 प्रतिशत कम पाई गई। कैंसर रिसर्च में शामिल डॉक्टर कैथरिन ब्राउन ने बताया कि शरीर में कैंसर का विकास अलग-अलग कारणों के होता है। किसी को आनुवंशिक रूप से जीन के जरिए कैंसर रोग मिल जाता हैं।
यूके में 40 प्रतिशत लोगों को कैंसर उनके द्वारा चुनी हुई लाइफस्टाइल के कारण होता है। एशियाई लोगाें में लिवर कैंसर की आशंका अधिक होती है। एशियाई का मतलब बांग्लादेशी, चीनी, भारतीय, पाकिस्तानी से है। वहीं अश्वेत का मतलब कैरिबियन से है। वहीं श्वेत का मतलब ब्रिटिश, आयरिश सहित अन्य से है।