रांची (समर्थ संवाद): हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड, एचईसी के सेंट्रल ट्रांसपोर्ट से 70 बैट्री की चोरी हो गई है. यह सभी बैट्री सेंट्रल ट्रांसपोर्ट परिसर में खड़ी गाड़ियों में लगे हुए थे. कुछ बैट्री स्टोर में भी थे. चोरों ने एक ही रात एक साथ 70 बैट्री अपने साथ चुरा कर ले गए, किसी को भनक तक नहीं लगी. जबकि सेंट्रल ट्रांसपोर्ट में 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं।
मजेदार बात है कि चोरी की जानकारी देने वाले ट्रांसपोर्ट कर्मियों पर ही पुलिस को शक है. एचईसी प्रबंधन द्वारा बैट्री चोरी से संबंधित एफआईआर धुर्वा थाना में दर्ज कराया गया है. प्रबंधन द्वारा बताया गया है कि चोरी हुए बैट्री की कीमत एक लाख रुपए से अधिक थी. इसी सेंट्रल ट्रांसपोर्ट में पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की विंटेज कार भी रखी हुई है।
अब उसकी सुरक्षा भी भगवान भरोसे है. एचईसी के प्लांट और ट्रांसपोर्ट में चोरी की घटना आम हो गई है. आए दिन चोरी की जानकारी सामने आती है. इसके बाद प्रबंधन के आला अफसर थाने में मामला दर्ज कराकर खमोश रहने में ही अपना फायदा समझते है। धुर्वा थाना ने बैट्री चोरी की जांच शुरू कर दी है. जिसमें पता चला है कि इस चोरी में ट्रांसपोर्ट कर्मियों की संलिप्ता है। पुलिस जल्द ट्रांसपोर्ट में पदस्थापित कर्मियों अलग-अलग पूछताछ करेगी।
चोरी की घटना को दे रहे अंजाम
एचईसी में हर माह लाखों रुपए की चोरी होती है। कारखाना में सुनियोजित ढंग से चोरी की घटना को अंजाम दिया जाता है. चोरी सीआईएसएफ, एचईसी के अफसर और कर्मी की मिलीभगत से होती है. एचईसी में हर साल करोड़ों रुपए की चोरी होती है। एचईसी प्रबंधन चोरी से संबंधित एफआईआर थाना में दर्ज कराकर, पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल देता है. चोरी की जानकारी एचईसी प्रबंधन द्वारा भारी उद्योग मंत्रालय को नहीं दी जाती है।
गत वर्ष 12 जून को एचईसी के एचएमबीपी प्लांट में 42 लाख कीमत के पीतल की चोरी हुई, इसकी भी जानकारी प्रबंधन द्वारा भारी उद्योग मंत्रालय को नहीं भेजी गई. जबकि इस चोरी में एचईसी प्लांटपरिसर से रहस्यमय ढंग से 26 क्विंटल पीतल का रॉ मैटेरियल की चोरी हो गई थी। इस संबंध में धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है. मगर अबतक चोरों का पता नहीं चल पाया है।