रोहतक (समर्थ संवाद)- किसान व मजदूरों ने बुधवार को साझा प्रदर्शन किया। मानसरोवर पार्क में एकत्र हुए किसानों व मजदूरों ने अपनी मजदूरी व खेतों में जलभराव, फसल के नुकसान व अन्य समस्याओं का समाधान नहीं किए जाने पर शासन व प्रशासन को दोषी ठहराया। पार्क में सभा कर रोष जताने के बाद सभी जुलूस के रूप में लघु सचिवालय पहुंचे। यहां सड़क पर लेट कर किसानों ने करीब डेढ़ घंटे सड़क जाम रखी। बाद में प्रशासन के आश्वासन पर जाम खोला।
किसान सभा के जिला प्रधान प्रीत सिंह ने कहा कि बारिश से बर्बाद हुई फसलों व खाली रही कृषि भूमि की स्पेशल गिरदावरी करा मुआवजा देने समेत किसानों व मजदूरों के अन्य मुद्दों को लेकर शीघ्र कार्रवाई की जाए। प्रशासन इन मामलों में अपना रुख स्पष्ट करते हुए मजदूरों व किसानों को राहत दे। सीटू प्रधान कमलेश लाहली व नफे सिंह सैमाण ने भी सरकार के खिलाफ रोष जताया। सीटू के प्रांतीय नेता सुरेंद्र सिंह ने कहा कि एक तरफ सरकार देश को बेचने व पूंजीपतियों के पास गिरवी रखने वाले देश विरोधी काम कर रही है। आने वाली 23- 24 फरवरी को होने वाली देशव्यापी हड़ताल इस रास्ते में नए मुकाम हासिल करेगी।
प्रशासन ने सभी मुद्दों के समाधान के लिए ये किया
किसान सभा जिला सचिव सुमित सिंह व सीटू जिला सचिव विनोद ने कहा कि बुधवार को प्रदेश भर में किसान-मजदूर एकता दिवस का आयोजन कर स्थानीय समस्याओं को उठाते हुए उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम व बीडीपीओ ने मांग पत्र सौंपा। प्रशासन ने सभी मुद्दों के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ किसानों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक तय करा कर समस्याओं के निदान का आश्वासन दिया। प्रदर्शन में जनवादी महिला समिति से जगमति सांगवान, किसान सभा कोषाध्यक्ष बलवान सिंह, सतनारायण, संजीव, रामभगत, कैप्टन शमशेर मलिक, सुनील खरावड़, कुलदीप निंदाना, राममेहर, रामकिशन नौणंद, चटाई, श्रीओम भैनी सुरजन के अलावा मायना, शिमली, करौंथा, खरावड, अटायल, मोरखेड़ी, कंसाला, भालौठ, रुड़की, किलोई, रिठाल, धामड़, पाकस्मा, कसरेटी समेत अनेक गांवों के ग्रामीण मौजूद रहे।
अधिकारियों से हुई नोकझोंक
प्रदर्शनकारियों व अधिकारियों में तीखी नोकझोंक भी हुई। यहां सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारियों के कारण सड़क पर जाम लग गया। पुलिस प्रशासन को जाम खुलवाने के लिए प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। जाम में फंसे एक कार चालक ने जाने के लिए रास्ता मांगा तो कुछ लोगों ने उसे खींच कर बाहर निकाल लिया। इस पर भी वह खुद को डॉक्टर बताते हुए जरूरी काम से जाने की गुहार लगाता रहा। काफी देर बाद प्रदर्शनकारियों ने उसे रास्ता दिया।