उत्तरप्रदेश (समर्थ संवाद)- प्रशासन और केंद्र प्रभारियों की लापरवाही के चलते किसानों का धान खरीद केंद्र परिसर में भीग गया। दो दिन से बारिश होने के कारण केंद्रों पर ताला लटका हुआ है। कुछ केंद्र खुले भी लेकिन वहां पल्लेदारों के न आने से खरीद नहीं हो सकी। कुछ किसान अपने धान को बारिश से बचाते हुए नजर आए।
जिले में धान खरीद के दस केंद्र खोले गए हैं। जिसमें शहर के गल्लामंडी में दो व अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में खुले हुए है। जहां बारिश होने के बावजूद एक एक केंद्र में दर्जनों ट्रैक्टर खडे़ रहते है। जो धान को भीगने से बचाने के लिए पन्नी डाल रखी है। बावजूद इसके सुनील व राजेश समेत कई किसानों का धान भीग गया। ट्रैक्टर का किराया अधिक लगने के कारण कई किसानों ने तो अपने धान को गोदामों के आसपास रख दिया। कई केंद्रोें के परिसरों में जलभराव हो गया है। जहां खड़ा होना मुश्किल हो गया है।
एक दिन भी काटना मुश्किल
जिला मुख्यालय के गल्लामंडी के धान खरीद में धान बेचने आए ऐंचवारा गांव के किसान भैरो प्रसाद, सपहा के सुनील कुमार, भरतकूप के राजेश ने बताया कि दो दिनों से धान खरीद नहीं हो रही है। एक-एक दिन काटना मुश्किल हो गया है। धान बेचने के लिए पांच दिन पूर्व आए थे अभी तक नंबर नहीं आया है। बारिश बंद होने का इंतजार कर रहे हैं।
धान केंद्रों में आए किसान रात में ठंड से बचने के लिए अलाव का सराहा ले रहे हैं। इसके साथ ही रजाई के सहारे समय काट रहे है। रुकने व खाने पीने में रोजाना तीन से चार सौ रुपये खर्च करना पड़ रहा है। इसके अलावा ट्रैक्टर का
बारिश होने से धान की खरीद नहीं हो सकी है। बारिश जैसे ही रु केगी। किसानों का धान खरीदा जाएगा।